November 11, 2021

झूमर झूमर ...

हँसती खिलखिलाती सी वो,
कभी बाल संवारती,
कभी सूट संभालती।

6 इंच की स्क्रीन से उसने,
6 फुटिया पंजाबी मार गिराया।

January 22, 2020

Counting Sheeps

Run until you fall, try until you halt,
Play until you break, love until you hate,
Sing until you cry, live until you die,

Is that all there is?

June 27, 2019

Search for Eden

Last man alive,
living in a ghost town,
passing through wisps,

dreaming of a touch.

January 14, 2019

आंसुओं के बीच

घड़ा बड़ा है सीने में
तेरी याद से भरता जाता है

बाहर कभी दिखता नहीं
बस आखों से छलकता है
 

साथ भी रखना चाहूँ मैं
पर भार घड़े का ज्यादा है

अँधेरे में, अकेले में
ये मुझे डुबाये जाता है


आजा माँ तू वापस आजा
एक आखिरी बोल सुना दे
इस मर्ज की दवा बता दे

आकर मुझको गले लगा ले
इस घड़े का वजन उठा ले

नहीं उठाया जाता अब
दर्द देता है ये घड़ा

November 27, 2018

Out of sight, out of mind

Three sailors,
Lost at sea,
No family, no friends,
Not a drop to drink amongst them.
.
.
.
Even the tears were salty.

May 12, 2017

Make Believe

Took me a year
to get over seven days with her
Then she returned...


...and left again

November 28, 2016

वो मुझसे दूर क्या गयी 
उसकी तासीर ही बदल गयी
पहले बातों से दिल लुभाती थी
अब यादों से सुइयाँ चुभाती है 

मुलाकात से पहले ही 
जुदाई उसकी तक़दीर में थी 
तब खुशकिस्मत था कि अंजान नहीं 
अब बदकिस्मत हूँ कि पहचान है 

जब संग थी तो मुस्कान थी वो होठों पर
अब संग नहीं, तो कलम की शायरी बन गयी

वो मुझसे दूर क्या गयी
भावनाएँ उथल-पुथल कर गयी
यहाँ थी तो चेतना का संचार था
वहां है, तो बस वेदना ही वेदना है