मुस्कुराते रह गये हम, जब उन्होने अल्विदा कहा
इक चोट पड़ी दिल पे, पर दिल झेल गया
कि आगे और भी पड़ाव आयेंगे, दिल लुटाने के
कश्ती अभी नदिया में उतरी ही है...
इक चोट पड़ी दिल पे, पर दिल झेल गया
कि आगे और भी पड़ाव आयेंगे, दिल लुटाने के
कश्ती अभी नदिया में उतरी ही है...