November 8, 2016

हल्का सा एक झोंका, खुशबू ले के आया
पंखुरियों के पीछे निकल पड़े हम

वह झोंका आंधी में कब बदला पता नहीं

पंखुरियाँ राख बन गयी
घुटनों पर गिर गए हम

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