हल्का सा एक झोंका, खुशबू ले के आया
पंखुरियों के पीछे निकल पड़े हम
वह झोंका आंधी में कब बदला पता नहीं
पंखुरियाँ राख बन गयी
घुटनों पर गिर गए हम
पंखुरियों के पीछे निकल पड़े हम
वह झोंका आंधी में कब बदला पता नहीं
पंखुरियाँ राख बन गयी
घुटनों पर गिर गए हम
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